18.5.06

दर्द

ज़िन्दगी एक दर्द है ।
कभी न खत्म होने वाला,
अनंत तक
चलते चले जाने वाला
दर्द ।


हर खुशी
एक दर्द है -
दो पल में
खुशी खत्म हो जाने का दर्द ।
मिलन भी
एक दर्द है -
मिलकर बिछड़ जाने का दर्द ।

प्रेम भी एक दर्द है -
अपने प्रिय में
लीन न हो पाने का दर्द,
एक आत्मा होकर भी
दो अलग अस्तित्व
होने का दर्द,
अपने प्रिय के दर्द को
न ले पाने का दर्द ।

हर साँस
एक दर्द है -
हर साँस के साथ
ज़न्दगी के हर दर्द को
जीते रहने का दर्द ।

ज़िन्दगी एक प्यास है -
प्यास स्नेह की,
अपनापन की,
खुशी की,
अपनों को खुशी देने की,
दर्द के समापन की,
हर प्यास,
हर दर्द से दूर
अनंत में
कहीं विलीन हो जाने की ।

सीमा
२ नवम्बर, २०००

4 टिप्‍पणियां:

प्रेमलता पांडे ने कहा…

दर्द में कुछ बात है.....। सुंदर कविता है।
प्रेमलता

Udan Tashtari ने कहा…

बडा दर्द भरा, मगर अच्छा लिखा है।

समीर लाल

बेनामी ने कहा…

Hi,

I dont know how I landed at your blog.. this is the first hindi blog that I have ever set my eyes upon..its a strange but happy feeling (don't know why)

If I was interested even remotely in peotry, I would probably have gone through your efforts; all the same, keep it up .

amit

बेनामी ने कहा…

आपने जो यहाँ पर लिखा वोह दिल को भा गए,
दिलको में समाजाने वाले यह कविताएं दिल में हि समा गए ।
krishna

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