कहानियाँ पुरानी हो चली
पर यादें पुरानी नहीं होतीं /
दीवारों पर
नए रंग चढ गए हैं,
इमारतें पुरानी हो चली हैं,
पीढ़ियाँ बदल गई हैं
पर इंसानों की
कश्मकश कम नहीं होती /
रंग फीके पड़ते जाते हैं
पर रंगों को
तरो-ताज़ा रखने की
चाहत कम नही होती /
- सीमा कुमार
३१ जनवरी, २००६
31.1.06
और भी हैं रास्ते
आज
शब्दों-छन्दों की दुनिया ने
फिर से मुझे पुकारा है /
जिन्दगी जो बाकी है
तो आँखों में सपने
अभी और भी हैं /
फिर से राहें कहती हैं
आओ,
कदम बढाओ,
पाने को मंजिलें
अभी और भी हैं /
मंजिलें जो हासिल हैं
वहाँ से शुरू होते
नई मंजिलों की ओर
रास्ते अभी और भी हैं /
- सीमा कुमार
२४ जनवरी, २००६
शब्दों-छन्दों की दुनिया ने
फिर से मुझे पुकारा है /
जिन्दगी जो बाकी है
तो आँखों में सपने
अभी और भी हैं /
फिर से राहें कहती हैं
आओ,
कदम बढाओ,
पाने को मंजिलें
अभी और भी हैं /
मंजिलें जो हासिल हैं
वहाँ से शुरू होते
नई मंजिलों की ओर
रास्ते अभी और भी हैं /
- सीमा कुमार
२४ जनवरी, २००६
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