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कविता संग्रह ‘पराग और पंखुड़ियाँ’ अब फ्लिपकार्ट और इन्फीबीम पर उपलब्ध |
मेरी कविता संग्रह ‘पराग और पंखुड़ियाँ’ अब फ्लिपकार्ट और इन्फीबीम पर भी उपलब्ध है। कृपया पढ़कर अपनी राय अवश्य दें:
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मेरी कविता संग्रह ‘पराग और पंखुड़ियाँ’ फ्लिपकार्ट और इन्फीबीम पर उपलब्ध |
जैसा कि मैंने अपने पिछले पोस्ट में लिखा था राष्ट्रीय फैशन टेक्नोलॉजी संस्थान, चेन्नई, में मनाए जा रहे हिन्दी पखवाड़ा 2015 के पुरस्कार वितरण एवं समापन समारोह के साथ मेरी (सीमा कुमार, सह आचार्य, निफ्ट, चेन्नई) हिन्दी कविता-संग्रह “पराग और पंखुड़ियाँ” का पुस्तक विमोचन भी किया गया। किताब का लोकार्पण निफ्ट, चेन्नई, की निदेशिका डॉ. अनिता मनोहर ने किया। विमोचन में संस्थान के उप निदेशक, मेरे पति एवं माता-पिता भी सहभागी रहे। किताब का प्रकाशन हिंद युग्म प्रकाशन, नई दिल्ली, ने किया है।
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विमोचन के दौरान निफ्ट, चेन्नई, की निदेशिका डॉ. अनीता मनोहर द्वारा हिन्द युग्म प्रकाशन के श्री शैलेश भारतवासी का स्वागत |
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पुस्तक विमोचन के दौरान निफ्ट, चेन्नई, की निदेशिका द्वारा कवियित्री के माता-पिता का स्वागत |
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हिन्दी कविता-संग्रह “पराग और पंखुड़ियाँ” का विमोचन |
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हिन्दी कविता-संग्रह “पराग और पंखुड़ियाँ” का विमोचन |
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निफ्ट, चेन्नई, हिन्दी पखवाड़ा के दौरान कविता-संग्रह “पराग और पंखुड़ियाँ” का पुस्तक विमोचन |
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हिन्दी कविता-संग्रह “पराग और पंखुड़ियाँ” का विमोचन |
संक्षिप्त परिचय :
'पराग और पंखुड़ियाँ' के बारे में :-अकथित भावनाओं को व्यक्त करने और बालपन के निःशब्द प्रेम को भावों और शब्दों में अभिव्यक्त करने की कोशिश करते-करते, कच्चे-पक्के, टूटे -फूटे शब्दों को जोड़ कर, सीमा बचपन में कब लिखने लगी, पता ही नहीं चला । 'पराग और पंखुड़ियाँ ' इनमें से उनकी अलग-अलग उम्र के कई भावों को प्रस्तुत कर रहा है ।
इस संकलन में कहीं अपने लिए सपने देखती उत्साहपूर्ण लड़की है तो कहीं अंतर्द्वंद्व में उलझी किशोरी, कहीं अपनी आजीविका के लिए महानगरी की अन्धी दौड़ में भागते हुए अपना स्थान ढूंढती एक छोटे शहर की कर्मठ बाला तो कहीं अपनी नन्ही परी के भविष्य का ताना-बाना बुनती माँ । उनकी अलग-अलग उम्र के कुछ पड़ावों और भावों का संकलन हैं "पराग और पंखुड़ियाँ" । पुस्तक में प्रकाशित चित्रांकन भी कवयित्री ने स्वयं किया है । यह कविता संग्रह हिन्द युग्म प्रकाशन द्वारा प्रकाशित की गई है ।
कवियित्री का परिचय :-बिहार में जन्म हुआ । शुरुआती पढ़ाई धनबाद, झारखंड, के अंग्रेजी माध्यम 'डी नोबिली स्कूल' (मुगमा) में हुई जहाँ सीमा लाल के नाम से लेखन शुरू किया । इनका मानना है कि हिन्दी और साहित्य के प्रति प्रेम परिवार, विशेष कर माँ और नानी से विरासत में मिला । १२वीं में व्याव्सायिक हितों ध्यान में रखकर विज्ञान की पढ़ाई की परंतु अपना रुझान कला और साहित्य की ओर देखकर बनस्थली विद्यापीठ, राजस्थान, से चित्रकला (विशेष) तथा अंग्रेजी विषयों में स्नातक किया । यहाँ चित्रकला प्रदर्शनियों में सक्रिय भागीदारी के साथ - साथ 'राजस्थान ललित कला अकादमी', जयपुर, द्वारा सत्रहवीं छात्र कला प्रदर्शनी (१९९७) मे 'आफ्टर स्टडी' नामक 'कोलाज' के लिए पुरस्कृत भी की गईं ।
राष्ट्रीय फ़ैशन तकनीकी संस्थान (NIFT), मुम्बई, से 'निटवेयर डिज़ाइन' में स्नातकोत्तर (१९९८-२०००) पूरा करने के बाद मुंबई में ही डिज़ाइनर के रूप में नौकरी शुरू की । आठ वर्ष मुंबई - सिलवासा, दिल्ली – लुधियाना - गुड़गाँव में मूलतः निर्यात प्रतिष्ठानों में कार्य करने के बाद २००८ में वह फैशन के व्यावसायिक शिक्षा संस्थानों की ओर अग्रसर हुईं । निफ्ट ब्रिज प्रोग्राम के माध्यम से 'मास्टर ऑफ़ डिज़ाइन' (M.Des.) पूरा किया । अगस्त २०१३ से वह चेन्नई, में 'सह आचार्य' के पद पर कार्यरत, चित्रकला तथा फैशन डिज़ाइन के व्यावसायिक पाठ्यक्रम की शिक्षा एवं अनुसंधान से संबद्ध हैं । इनकी कई कविताएँ और शोध -पत्र प्रकाशित हो चुके हैं ।
फ्लिपकार्ट: http://www.flipkart.com/item/9789384419165
इन्फीबीम:http://www.infibeam.com/Books/parag-aur-pankhudiyan-hindi-seema-kumar/9789384419165.html
आपकी राय एवं सुझावों का इन्तज़ार रहेगा ।
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4 टिप्पणियां:
ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, अनोखी सज़ा - ब्लॉग बुलेटिन , मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
ब्लॉग बुलेटिन,
मेरी कविता संग्रह ‘पराग और पंखुड़ियाँ’ के बारे में पोस्ट सम्मिलित करने के लिए धन्यवाद ।
- सीमा कुमार
कविता संग्रह ‘पराग और पंखुड़ियाँ’ के प्रकाशन पर आपको बहुत बहुत हार्दिक मंगलकामनाएं!
नवरात्र की शुभकामनाओं सहित ..
बहुत सुनदर आलेख हेतु । धन्यवाद
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