एक पल
जो मेरा है,
एक पल
जो तुम्हारा है,
आओ मिल कर
बाँट लें ।
फिर हम दोनों के
दो – दो पल हो जाएँगे
साथ – साथ ।
– सीमा
11 जून, 1998
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1 टिप्पणी:
बहुत खूब सीमा जी,
आप नियमित लिखा करें तो हम जैसे पढ़ने वालों को कुछ मिल जाया करे।
साधुवादॉ
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