आज सुबह-सुबह हिन्द-युग्म पर कविता पोस्ट करना था और मैं अपनी डायरी भूल आई थी घर पर । सोचा कुछ नया लिखूँ तो एकदम से माँ की याद आई और यह कविता लिखी - उड़ान । अधिक विश्लेशण नहीं किया, इसलिए कमियों को माफ कीजिएगा । यह कविता उड़ान मेरी माँ को समर्पित है ।
एक मित्र, जिसे हिन्दी पूरी तरह समझ नहीं आती, ने इस कविता का मतलब पूछा .. और अर्थ बताते-बताते इसे अंग्रेज़ी में अनुवाद कर दिया जो यहाँ पढ़ सकते है ।
एक बार हर लम्हा एक विस्मय लिखा था अंग्रेज़ी में (Each Moment is a Wonder ) और अनुवाद था हिन्दी में । इस बार हिन्दी में लिखकर अंग्रेज़ी में अनुवाद किया । आप भी पढ़कर बताइए ये दोनों प्रयास कैसे रहे ।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें