मेरी अभिव्यक्ति हिंन्दी में
उम्दा चित्र
बेहद ख़ूबसूरत लगीं ये झलकियाँ!-- ओंठों पर मधु-मुस्कान खिलाती, कोहरे में भोर हुई!नए वर्ष की नई सुबह में, महके हृदय तुम्हारा!संयुक्ताक्षर "श्रृ" सही है या "शृ", मिलत, खिलत, लजियात ... ... .संपादक : सरस पायस
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प्रकृति और पंक्षियों को अर्पित - वस्त्रों ( टी-शर्ट्स ) के लिए मेरी कृति : वीडियो - प्रकृति और पंक्षियों से प्रेरित डिज़ाइन: और पढ़ें ... फ...
2 टिप्पणियां:
उम्दा चित्र
बेहद ख़ूबसूरत लगीं ये झलकियाँ!
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ओंठों पर मधु-मुस्कान खिलाती, कोहरे में भोर हुई!
नए वर्ष की नई सुबह में, महके हृदय तुम्हारा!
संयुक्ताक्षर "श्रृ" सही है या "शृ", मिलत, खिलत, लजियात ... ... .
संपादक : सरस पायस
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