तेज भरा हो तुममें तेजल
कृतियाँ हों तेरी अनमोल ।
आँखों में हो सुंदर सपने
और होठों पर मीठे बोल ।
रचना ऐसा कुछ, करना ऐसा कुछ,
जिसका नहीं हो कोई मूल्य ।
बन जाना तुम, इस सृष्टि की
तेज से भरी कृति अमूल्य ।
- सीमा
२७ जनवरी, २००७
* कल, २६ जनवरी '०७ को, मेरी बेटी तेजल कृति दो साल की हो गई । यहाँ लिखे कुछ शब्द उसके लिए तथा कुछ मेरे अंग्रेजी चिठ्ठे पर भी ।
1 टिप्पणी:
नन्ही तेजल को जन्म-दिन की शुभकामनायेँ|
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