13.4.06

जीवन तो बस जीवन है

जीवन क्या है ?
अमृत का प्याला नहीं
काँटों की माला नहीं,
कष्टों की ज्वाला नहीं,
उल्लास की शाला नहीं,
जीवन तो बस जीवन है ।


आँसू की कुछ बूँदें,
हँसी की कुछ फुहारें,
गीतों का संग्रह,
कभी धीमे, तो कभी तेज
बाजीगरों का करतब,
जीवन तो बस जीवन है ।


सीमा
५ दिसम्बर, १९९६
ब. व.

2 टिप्‍पणियां:

Vikash ने कहा…

Jeevan to bus jeevan hai...well said.

another nice poem:)

Kaunquest ने कहा…

Just wandered here, I am a first time visitor to your blog. 'Jeevan to bus jeevan hai..' a good thought, a good poem.

phir vohi sawaal hai, kaun mai, kya zindagi
justjuu vohi justjuu, manzil bhi mai talaash bhi...

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