चिठ्ठों की नई श्रृंखला को आगे बढ़ाते हुए यहाँ लिख रही हूँ ।
जब मैंने १९९५ में शब्द-जाल लिखा था तब कदापि यह सोच कर नहीं लिखा था कि कुछ ही दिनों में मैं वास्तविक ताने-बाने, सूत और कपड़े के बारे में पढ़ूँगी और वही मेरा व्यवसाय और कार्य-क्षेत्र हो जाएगा । शब्द-जाल पर प्रियंकर जी की टिप्पणी है :
"कविता से यह प्रकट होता है कि रचनाकार का संबंध फ़ैशन टेक्नोलॉजी से है. आखिर कबीर की रचनाओं में भी तो ताना-बाना जैसे शब्द और चदरिया बुनने के प्रसंग आते हैं."
जब शब्द-जाल लिखा था तब फ़ैशन टेक्नोलॉजी से कोई संबंध नहीं था और न अधिक जानकारी थी थी इस क्षेत्र के बारे में । यह इस क्षेत्र में आने से पहले लिखा था । संयोग कह लीजिए या कुछ और .. दरसल +२ में मैंने विज्ञान विषय पढ़े थे । आम धारणा यह थी कि अगर कोई अपनी पढा़ई और भविष्य के प्रति जागरूक है तो वह या तो अभियंता बनेगा या चिकित्सक .. और कोशिश मेरी भी उसी तरफ थी, चाहे रूचि न भी थी । पर +२ के उन दो सालों में लगा मेरा रूझान कला की तरफ है और मैंने अपने मन की बात सुनने का निर्णय लिया ।
स्नातक के विषय थे चित्रकला (विशेष) और अंग्रेजी साहित्य तथा दोनों में मुझे बेहद रूचि थी। फिर निफ्ट या कपड़ों के क्षेत्र में कैसे पहुँच गई ?
स्कूल में एक सहेली थी जो कभी-कभी कहती थी कि उसे 'निफ्ट में पढ़ना है ... तब शायद पहली बार लगा कि मेरे जैसे मध्यमवर्गीय परिवार और छोटे शहरों मे रहने वाले लोग भी निफ्ट के बारे में सोच सकते हैं । निफ्ट के बारे में पढ़ा और सुना जरूर था पर उन दिनों मध्यमवर्गीय परिवारों में उसे जीविका का माध्यम बनाने के लिए उतना प्रोत्साहित नहीं किया जाता था और न लोगों को ज्यादा जानकारी थी ।
खैर, मुझे भी चित्रकला के माध्यम से नौकरी या रोजी-रोटी का जरिया पता नहीं था । बचपन से कोई व्यावसायिक कोर्स करने का लक्ष्य था और लोग डाक्टर - इंजीनीयर बनने की अपेक्षा रखते थे ... जिसमें मुझे रूचि नहीं थी । मैंने सोचा निफ्ट में भी तो व्यावसायिक कोर्स हैं; चित्रकला न सही, डिजाइन का क्षेत्र तो है, रचनात्मक क्षेत्र तो है, और रोजी-रोटी की भी चिंता भी नही रहेगी क्योंकि निफ्ट नौकरी दिलवाने में भी मदद करती है (campus placement के द्वारा) । बस चली गई प्रवेष-परीक्षा देने ।
निफ्ट में कई तरह के विषय हैं और स्नातक तथा स्नातकोत्तर स्तर के पाठ्यक्रम भी हैं । समय के साथ पाठ्यक्रम और विषयों और प्रवेश परीक्षा, आदि, में परिवर्तन होते रहते हैं । प्रवेश परीक्षा अखिल भारतीय स्तर के होते हैं । २००७ की प्रवेष परीक्षा और नियमों के बारे में अधिक जानकारे के लिए यहाँ देखें ।
निफ्ट में कई तरह के विषय हैं और स्नातक तथा स्नातकोत्तर स्तर के पाठ्यक्रम भी हैं । समय के साथ पाठ्यक्रम और विषयों और प्रवेश परीक्षा, आदि, में परिवर्तन होते रहते हैं । प्रवेश परीक्षा अखिल भारतीय स्तर के होते हैं । २००७ की प्रवेष परीक्षा और नियमों के बारे में अधिक जानकारे के लिए यहाँ देखें ।
बाकी मेरे अगले चिठ्ठे में जारी रहेगा । अपनी प्रतिक्रियाएँ और अगर कोई प्रश्न हो तो अवश्य लिखें ।
2 टिप्पणियां:
"किसे पता है कौन उसे अपनी ओर खींच रहा है हम तो मूक दर्शक है जो मुड़ते चले जाते है…।"
छोटे शहर से निफ्ट का सफर कितना रोचक होगा यह सोंच कर है अच्छा लगता है…कितने लोग हैं जो अपने जीवन में कुछ रोचकता चाहते हैं पर कहाँ मिलती हैं…आपके जीवन की तो यह एक और कहानी है…बढ़ते रहे…कभी फिल्म बनाया तो आपको नहीं भुलूँगा…।धन्यवाद!!
चलिए, फिर तो आपकी फिल्म में मुझे कोई न कोई भूमिका अवश्य मिल जाएगी :) ।
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